अन्तरिक्ष में इसरो की एक और अनूठी उड़ान

एक नयी सुबह 
एक नयी उड़ान 
एक नया मुक़ाम
 एक नया इतिहास 




        अपने हर मिशन में एक नया इतिहास रचने का दूसरा नाम भारतीय अन्तरिक्ष अनुसंधान संगठन या कहें इसरो है। यह एक जुमला नहीं है। यह तो एक जीती-जागती मिशाल है। इसरो अपने 104 उपग्रहों के एकसाथ प्रक्षेपित करने के ऐतिहासिक मिशन पर है, और अगर सब कुछ बेहतर रहा तो निश्चित ही इसरो, अन्तरिक्ष विज्ञान की दुनिया में एक नया अध्याय जोड़ने  में  15 फ़रवरी की सुबह ज़रूर सफल रहेगा। इसरो के 104 उपग्रह एकसाथ पृथ्वी की कक्षा में स्थापित करने का यह मिशन अपने आप में एक अनूठा और साहसिक है साथ ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी की विदेश यात्राओं का कारगर परिणाम भी है। 104 उपग्रहों में मात्र तीन उपग्रह भारतीय हैं तथा 101 उपग्रह विदेशी है। इनमें 96 उपग्रह अमेरिका के हैं एवं एक-एक उपग्रह इजरायल, कजाखस्तान, नीदरलैंड, स्विट्जरलैंड और संयुक्त अरब अमीरात  के शामिल हैं। इसरो के इस अभियान के साथ ही भारत के कई अन्य उद्देश्यों की पूर्ति भी होती हुई साफ़ दिखाई देती है, वे यह कि इससे भारत के अन्तराष्ट्रीय मैत्री सम्बन्ध और भी प्रगाढ़ होगे और विदेशी उपग्रहों के प्रक्षेपण के एवज़ में विदेशी मुद्रा की भी प्राप्ति होगी। साथ ही इसरो को विश्व पटल पर जो ख्याति अर्जित होगी...,, वो अलग।

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